Homeलेखदोन बायका अन फजीती ऐका

दोन बायका अन फजीती ऐका

Muslim Judge :बगदाद के काझी(न्यायाधीश) के घर रात के वक्त चोर आया ..काझी अभी अभी घर आया था ..

The thieves came to the house of muslim Judge of Baghdad at night
चोर एक कोने मे छुप गया , (Muslim Judge) काझी का एक मंज़िल का घर था और उस की दो बिवीयां थी ,

एक उपर रहती थी और एक निचले घर मे .घर के अंदर से एक सीढी उपर जाने के लिये थी ..

काझी सहाब उपर के मंजिल पर जाने लगे तो निचे वाली ने कहा” आप का पसंदीदा हलवा बना है थोडा खा कर जाओ

“वो खुशी से खाने लगे तो उपर वाली ने आवाज दी” दो दिन हुए आप के नखरे देख रही हूँ , पुरा ध्यान उधर ही है ,

चुपचाप ऊपर आओ वर्ना आप ही की अदालत मे मुकदमा कर दुंगी “काझी सहाब उपर जाने लगे तो निचे वाली ने खिच लिया

” खाना ठुकरा कर गये तो मै मुकदमा करुंगी “पुरी रात यही.खेल चला काझी सहाब को न खाना मिला ना निंद ..

चोर हैरत अंगेज हो कर देखता रहा ..जैसे उजाला हुआ चोर पकड़ा गया .अदालत मे काझी सहाब के सामने पेश हुआ ..

काझी ने जुर्म पुछा तो सारा मामला सामने आया..चोर ने कहा मै घर मे आया ये सही है मगर मैने चोरी नही की ..

काझी ने पुछा “घर मे क्या देखा ?”चोर ने कहा ” सिवाय जु़ल्म के कुछ नही देखा “काझी ने कहा “इस के हाथ मत काटो ,

इस की दो शादी करा कर दो “चोर जोर से चीखा ” काझी सहाब …. एक बार की फासी दे दो .. मगर रोज़ रोज़ की मौत मत दिलाओ … ”

आज कुछ दोस्त दुसरी शादी करने के बारे मे मेरा खयाल पुछ रहे थे , तो मैने मौलाना युनूस र.अ. से सुना हुआ यह लतीफा सुनाया …

दोन बायका अन फजीती ऐका :-

(यह मेरी अपनी राय है , इस.का कीसी कानून या समाज के रीती से कोई ताअल्लूक नही है , कोई इसे पर्सनली ना ले )

लेखक : एड.समिर शेख

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