(Mosque space) मस्जिदिच्या जागेचे रक्षकच बनले भक्षक
Mosque space : पुणेः गुरुवार पेठेतील बाराइमाम मस्जिद समोरील ८३७/८३८
गुरुवार पेठ खतीजाबी तकिया व कसाबिया मस्जिदमधिल
कब्रस्तानमध्ये जूने ट्रस्टी नामे कादर अब्दुल रहमान व ईतरांनी अनधिकृतपने ताबे ठोकून
सदरील जागा राहण्यासाठी व कपाट व्यवसायासाठी भाडयाने दिली होती .
याच ठिकाणी माजी आमदार अमीनुद्दीन पेनवाले यांची देखील कबर असून
या कबरी जवळच अनधिकृतपने ताबे ठोकून व्यवसाय चालू होते,
हे अनधिकृत बांधकाम पाडण्यासाठी सदरील जागेच्या नविन ट्रस्टींचा मागिल सहा महीन्यापासून
टीलकरोड़ क्षेत्रीय कार्यालयातील बांधकाम खात्याकडे पाठपुरावा चालू होता,
त्यास दिनांक 28 /6/2017 रोजी यश आले असून ते अर्धवटच यश आले आहे.
टीलकरोड़ क्षेत्रीय कार्यालयाच्या अधिकारींनी दबावाखाली येऊन
अर्धवट कारवाई करून पळ काढला असल्याचे ट्रस्टींनी सांगितले.
सदरील जागेवर कारवाई होवून जागा मोकळी व्हावी यासाठी अडव्हाक कमीटीचे ट्रस्टि आसिफ रफिक शेख,
मुख्तार खान, शकिल शेख,स्थानिक नागरिक उमर शरिफ, समीर शेख,
आणि वस्तीतील सभासद व तसेच तहरीक ए औकाफ चे सदस्य व सलीम पटेल,
सोहेल शेख, मन्नान यांनी जागा मोकळी व्हावी म्हणून परीश्रम घेतले असल्याचे सांगितले.
इतर बातमी :मस्जिद के सामने महिलाओं ने किया डांस, 9 सेकेंड के वीडियो ने मचाया बवाल
कोटा किनाबालु शहर स्थित मुख्य मस्जिद के बाहर एक दीवार पर तंग कपड़ों में डांस करते हुए
दो महिलाओं का वीडियो बना लिया गया.
वे पूर्वी एशियाई प्रतीत होती हैं और विदेशी समझी जा रही हैं. यह स्थान पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है.
वीडियो में इस घटना के एक चश्मदीद को यह कहते सुना जा सकता है , ‘‘वे लोग दीवार से गिर क्यों नहीं गए ?
’’ मस्जिद प्रमुख जमाल साकरन ने सप्ताहांत में विदेशी पर्यटकों के अस्वीकार्य व्यवहार की आलोचना की
और साबाह राज्य स्थित मस्जिद में पर्यटकों की यात्रा पर अस्थायी रोक का ऐलान किया.
उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य इस्लाम की पवित्रता को बचाए रखना है.
इस घटना में संलिप्त महिलाओं की राष्ट्रीयता स्पष्ट नहीं है.पर्यटन मंत्री क्रिस्टिना लीव ने ‘द स्टार ’ अखबार से कहा कि
इस जोड़ी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी क्योंकि वे अपनी हरकतों की गंभीरता से संभवत वाकिफ नहीं थे.
लेकिन अधिकारी उनका पता लगाना चाहते हैं, ताकि उन्हें बताया जा सके कि जिसे वे ‘मजा’ समझते हैं
वह दरअसल असम्मानजक हरकत है और साबाह में उसे उचित नहीं माना जाता.
गौरतलब है कि मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में पर्यटक आमतौर पर मस्जिदों की यात्रा करते हैं.
देश में इस्लाम के उदार रूप का पालन किया जाता है लेकिन शालीन कपड़े पहनने की सलाह दी जाती है.